A Secret Weapon For shiv chalisa lyricsl
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किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
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दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
Devotees who chant these verses with powerful appreciate come to be prosperous from the grace of Lord Shiva. Even the childless wishing to have young children, have their wants fulfilled soon after partaking of Shiva-Prasad with faith and devotion.
कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
अर्थ: हे शिव शंकर भोलेनाथ आपने ही त्रिपुरासुर (तरकासुर के तीन पुत्रों ने ब्रह्मा की भक्ति कर उनसे तीन अभेद्य पुर मांगे जिस कारण उन्हें त्रिपुरासुर कहा गया। शर्त के अनुसार भगवान शिव ने अभिजित नक्षत्र में असंभव रथ पर सवार होकर असंभव बाण चलाकर उनका संहार किया था) के साथ युद्ध कर उनका संहार किया व सब पर अपनी कृपा की। हे भगवन भागीरथ के तप shiv chalisa lyricsl से प्रसन्न हो कर उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति दिलाने की उनकी प्रतिज्ञा को आपने पूरा किया।
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान ।
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु मम संकट भारी॥
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
जय जय तुलसी भगवती सत्यवती सुखदानी। नमो नमो हरि प्रेयसी श्री वृन्दा गुन खानी॥